Bhartiya Sanskriti Evam Rashtra Gaurav Book pdf: भारतीय संस्कृति भारत की विविधताओं से युक्त एक समृद्ध और विशिष्ट संस्कृति है। इसमें धर्म, आध्यात्मिकता, दर्शन, रीति-रिवाज, कला, संगीत, नृत्य, साहित्य, भोजन, वस्त्र और त्योहार जैसे कई पहलुओं को शामिल किया जाता है।

भारतीय संस्कृति का इतिहास 5,000 से अधिक वर्ष पुराना है और इसमें विभिन्न प्रभावों और विविध सभ्यताओं के साथ संवाद रहा है। यह हिंदूधर्म, बौद्धधर्म, जैनधर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म और सिख धर्म जैसे विभिन्न धर्मों से भी प्रभावित हुआ है।
भारतीय संस्कृति परिवार के मूल्यों, बुजुर्गों का सम्मान और अतिथि सत्कार को महत्व देती है। इसमें समुदाय के अनुभव का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है और विभिन्न धर्मों, जातियों और क्षेत्रों से लोग विभिन्न त्योहारों और अवसरों पर एक साथ आते हैं।
भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य और कला विश्वभर में उच्च मान्यता प्राप्त हैं।
भारतीय संस्कृति के अंतर्गत कई भाषाएं शामिल होती हैं, जैसे हिंदी, उर्दू, तमिल, तेलुगु, बंगाली, पंजाबी और मलयालम आदि। भारत के अलग-अलग राज्यों में भी अपनी खास संस्कृति होती है जो उनकी भौगोलिक स्थिति, जीवन शैली, रीति-रिवाजों और भोजन पर आधारित होती है।
भारतीय संस्कृति का इतिहास विशाल है और इसमें विभिन्न गुण शामिल होते हैं, जैसे समझदारी, सौम्यता, आत्मनिर्भरता, समरसता और सामंजस्य। इन गुणों के बल पर, भारतीय संस्कृति अपने त्योहारों, धर्मों और जीवन शैली के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है।
भारतीय संस्कृति में धर्म और आध्यात्मिकता का बहुत महत्व है। हिंदूधर्म, जैनधर्म, बौद्धधर्म, सिख धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म और बहाई धर्म जैसे कई धर्म हैं जो भारत के भिन्न-भिन्न हिस्सों में पाए जाते हैं।
भारतीय संस्कृति में रंगों, स्वादों और ध्वनियों की भी अपनी विशिष्टता होती है।
भारतीय संस्कृति में वस्तुतः एकता का भाव होता है जिसमें सभी धर्मों, भाषाओं, जातियों और समुदायों को समानता से देखा जाता है। इसके अलावा, भारतीय संस्कृति में परिवार, गुरु-शिष्य परंपरा, संगीत, कला और साहित्य का भी विशेष महत्व होता है।
भारतीय संस्कृति में परिवार का बहुत महत्व होता है। परिवार समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण एकक होता है और इसका सदुपयोग समाज के लिए उत्तम संसाधन होता है। परिवार का अर्थ सिर्फ जन्मदाता और जन्मग्रहण करने वालों का समूह नहीं होता है, बल्कि इसमें पिता, मां, भाई-बहन और अन्य सदस्य शामिल होते हैं जो सहयोग और समरसता के साथ रहते हैं।
भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा का भी बहुत महत्व होता है। इस परंपरा के अनुसार, शिक्षक को गुरु कहा जाता है जो अपने छात्रों के लिए एक गुरु और मार्गदर्शक के रूप में काम करता है। शिक्षा और ज्ञान को बहुत महत्व दिया जाता है और इसे विशेष आदर दिया जाता है।
भारतीय संस्कृति में संगीत, कला और साहित्य का भी विशेष महत्व होता है। संगीत एक विशिष्ट भावनात्मक अनुभव है जो जीवन को सुखद बनाने में मदद करता है। भारतीय संगीत में शांति, समझौता और सहगमन का भाव होता है।
भारतीय कला की शाखाओं में मुख्यतः नृत्य, चित्रकला, स्कल्प्चर, भारतीय संगीत और थिएटर आदि शामिल हैं। भारतीय कला बहुत विस्तृत और आकर्षक होती है।
भारतीय संस्कृति में साहित्य का भी विशेष महत्व होता है। भारतीय साहित्य को दुनिया भर में बड़ा माना जाता है। इसमें कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक और भाषण आदि शामिल होते हैं। भारतीय साहित्य में भावुकता, नैतिकता, सामाजिक विषयों के विस्तार और तत्त्वों के समझाने का विशेष महत्व होता है।
भारतीय संस्कृति में धर्म का बहुत बड़ा महत्व होता है। हिंदू धर्म भारतीय संस्कृति का मूल अंग होता है जिसका इतिहास बहुत विस्तृत और पुराना है। इसके साथ ही बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और इस्लाम भी भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। धर्म के अलावा, भारतीय संस्कृति में विवाह, परिवार, राजनीति, समाज और संस्कार जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषय होते हैं।
भारतीय संस्कृति में खान-पान का भी विशेष महत्व होता है। भारत में विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के अनुसार अलग-अलग प्रकार के भोजन उपलब्ध होते हैं जो उन राज्यों की विशेषताओं को दर्शाते हैं। भारतीय खाने में खुशबूदार मसाले और भारतीय मसालों का उपयोग एक विशेष धरोहर है।
भारतीय संस्कृति में परंपराओं और उत्सवों का भी विशेष महत्व होता है। भारत में विभिन्न प्रकार के उत्सव मनाए जाते हैं जैसे होली, दिवाली, दुर्गा पूजा, गणेश चतुर्थी,
भारतीय संस्कृति में कला और साहित्य का भी बहुत महत्व होता है। भारतीय संस्कृति में विभिन्न प्रकार की कला उपलब्ध है जैसे भारतीय शिल्पकला, पत्थर कला, चित्रकला और नृत्य कला। साथ ही, भारतीय संस्कृति में साहित्य का भी विशेष महत्व होता है। महाभारत, रामायण, गीता, उपनिषदों, पुराणों और अन्य धार्मिक ग्रंथ भारतीय संस्कृति के साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
भारतीय संस्कृति में विभिन्न तंत्रों और उपचारों का भी विशेष महत्व होता है। योग और आयुर्वेद भारतीय संस्कृति के उपचारों का एक अहम हिस्सा हैं। योग के अलावा, प्राचीन भारत में तंत्र मंत्र और यन्त्र भी बहुत लोकप्रिय थे और आज भी भारत के कुछ हिस्सों में लोग उन्हें उपयोग में लाते हैं।
भारतीय संस्कृति में समाज में सभ्यता का विशेष महत्व होता है। इसमें अदाब, शिष्टाचार, सभ्यता और समझदारी का अहम रोल होता है।
Bhartiya Sanskriti Evam Rashtra Gaurav Book pdf
राष्ट्र गौरव हमारे देश की एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। इसे राष्ट्र की गरिमा और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। राष्ट्र गौरव का महत्व हमारे देश के सम्मान और गौरव को बढ़ाने के लिए होता है।
राष्ट्र गौरव के रूप में कई महान व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है, जो देश के लिए कुछ अलग ही कर गए होते हैं। इनमें से कुछ नाम हैं जैसे महात्मा गांधी, भगत सिंह, सरदार वल्लभ भाई पटेल, रवींद्र नाथ टैगोर, अब्दुल कलाम आदि।
राष्ट्र गौरव का महत्व हमारे देश में समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने में भी होता है। यह हमारे देश के राष्ट्रीय एकता और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
इसलिए, हमें अपने देश के राष्ट्र गौरव को सम्मान देना चाहिए और हमेशा उन्हें याद रखना चाहिए। इससे हमारे देश की गरिमा और सम्मान बढ़ता है और हम भी अपने देश का सम्मान करते हुए आगे बढ़ते हैं।
राष्ट्र गौरव हमारे देश के इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमारे देश की अमूल्य विरासत है जो हमें हमारी पूर्वजों की संवेदनशीलता, दृढ़ता और समर्पण की याद दिलाता है।
एक समृद्ध और सशक्त देश के लिए, राष्ट्र गौरव का सम्मान करना और इसे बढ़ावा देना आवश्यक होता है। इससे हमारे देश के सम्मान का भी बढ़ावा होता है और दुनिया के अन्य देशों में हमारे देश का प्रतिनिधित्व किया जा सकता है।
भारतीय संस्कृति में राष्ट्र गौरव का एक महत्वपूर्ण स्थान है। भारत में कई ऐसी रस्में और त्योहार होते हैं जो हमारे देश के राष्ट्रीय एकता, भाईचारे और सम्मान का प्रतीक होते हैं। इनमें से कुछ ऐसी रस्में हैं जैसे राष्ट्र गान, राष्ट्रीय झंडा, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय पशु आदि।
इसके अलावा, राष्ट्र गौरव के बारे में लोगों को शिक्षा दी जानी चाहिए। स्कूलों और कॉलेजों में इस विषय पर.
विस्तार से पढ़ने के लिए, भारतीय संस्कृति में राष्ट्र गौरव का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमें देश के सम्मान का पालन करने के लिए उत्साहित करता है।
हमारे देश में राष्ट्र गौरव की धाराएं और रस्में बहुत हैं। यह समाज को उन्नत, अधिक समझदार और जबड़ेदार बनाती हैं। यह देश के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्र गौरव को बढ़ावा देने के लिए, हमें अपने देश के इतिहास और संस्कृति के अध्ययन का समय निकालना चाहिए। यह हमें हमारे देश के महान व्यक्तियों, उनकी संघर्षों और देश के महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानने में मदद करेगा।
राष्ट्र गौरव को संरक्षित रखने के लिए, हमें अपनी भाषा, संस्कृति, विरासत और वैश्विक समुदाय से जुड़े लोगों के साथ अधिक गहराई से समझौता करना चाहिए। हमें अपने देश के विकास के लिए एकजुट होना चाहिए।
इसके अलावा, हमें अपने देश के सम्मान के लिए अपने देश के कानूनों का पालन होना चाहिए।
राष्ट्र गौरव के लिए, हमें देश के साथ सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए।
- स्वच्छता: हमें स्वच्छता को अपनी प्राथमिकता बनाना चाहिए। एक स्वच्छ देश एक गौरवपूर्ण देश होता है।
- शिक्षा: हमें देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए। शिक्षा हमें समझदार और जागरूक बनाती है और हमें समाज के उन्नति में मदद करती है।
- देश के संस्कृति का संरक्षण: हमें अपनी संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए। इससे हमें अपने देश के संस्कृति और विरासत की समझ मिलती है जो हमारे देश की विशेषता है।
- अपने देश के विकास में योगदान: हमें देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। हमें उद्यम, अनुसंधान और नई तकनीकों के माध्यम से अपने देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
- राष्ट्र की एकता को बढ़ाना: हमें अपने देश की एकता को बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
- स्वतंत्रता की रक्षा करना: हमें अपनी स्वतंत्रता को संरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें देश के स्वाधीनता को समझना चाहिए और उसे सम्मान देना चाहिए।
- गरीबों की मदद करना: हमें अपने देश के गरीब लोगों की मदद करने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें गरीबों को रोजगार, खाद्य, और आवास जैसी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना: हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए। इससे हमारे देश की तकनीकी क्षमता बढ़ती है जो अगली पीढ़ी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है।
- संगठन और प्रबंधन कौशल को बढ़ावा देना: हमें संगठन और प्रबंधन कौशल को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें संगठन कौशल के माध्यम से स्वयं को और भी सक्रिय बनाना चाहिए जिससे हमें अपने लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलती है।
- हमें अपने देश की विभिन्न विशेषताओं और इतिहास के बारे में जानने का आग्रह हो।
- सामंजस्य की बढ़ती हुई आवश्यकता: हमें सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमारे देश में भिन्न-भिन्न समुदायों और धर्मों के लोग रहते हैं इसलिए हमें एक-दूसरे के साथ भाईचारे और तोलरेंस के साथ रहना चाहिए।
- अपनी भाषा और संस्कृति को संरक्षित रखना: हमें अपनी भाषा और संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें अपनी भाषा का सम्मान करना चाहिए और इसे अपनी संस्कृति के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में संरक्षित रखना चाहिए।
- स्वच्छता को प्रतिबद्ध रहना: हमें स्वच्छता को प्रतिबद्ध रहने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें अपने घरों, स्थानों और देश को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए।
- देश के साथ उत्तरदायित्व: हमें अपने देश के साथ उत्तरदायित्व निभाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
- सशक्त नागरिकों की आवश्यकता: हमें एक सशक्त नागरिक समुदाय के रूप में कदम उठाने की आवश्यकता है। हमें अपने देश में सक्षम और संवेदनशील नागरिकों की आवश्यकता है, जो अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं।
- विकास के लिए तकनीकी उन्नति को अपनाना: हमें अपने देश के विकास के लिए तकनीकी उन्नति को अपनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें नई तकनीकों के उपयोग के माध्यम से अपने देश के विकास को गति देने की आवश्यकता है।
- संरचनात्मक विकास: हमें संरचनात्मक विकास के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें अपने देश में नए उद्योगों को प्रोत्साहित करने, पर्यटन को बढ़ावा देने, कृषि विकास को समर्थन करने और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- राष्ट्रीय रक्षा के लिए तैयार रहना: हमें राष्ट्रीय रक्षा के लिए तैयार रहने के लिए कदम उठाने चाहिए।
- ग्रामीण विकास: हमें ग्रामीण विकास के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें गांवों के विकास को समर्थन करने, ग्रामीण क्षेत्रों में नए उद्योगों को प्रोत्साहित करने और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- समानता के संरक्षण: हमें समानता के संरक्षण के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें समाज में सभी लोगों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। हमें विभिन्न वर्गों, जातियों, धर्मों, लिंगों और क्षेत्रों के लोगों के लिए समानता के लिए काम करना चाहिए।
- संरक्षण के लिए पर्यावरण की संरक्षण: हमें पर्यावरण की संरक्षण के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें अपने पर्यावरण की संरक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए। हमें प्रदूषण को रोकने, जल संरचना को बढ़ावा देने, वनों को संरक्षित रखने और विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं की संरक्षा के लिए काम करना चाहिए।
- न्याय से संवृद्धि: हमें न्याय से संवृद्धि के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें न्यायपूर्ण विकास को समर्थन करना चाहिए। हमें समाज के अंतिम पंक्ति तक सभी लोगों के लिए न्यायपूर्ण अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। हमें असमानता के खिलाफ काम करना चाहिए।
- वैश्विक सहयोग: हमें वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। हमें विभिन्न देशों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है ताकि हम अपने देश के विकास को तेजी से बढ़ा सकें। हमें वैश्विक मुद्दों पर सहयोग करना चाहिए, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, संगठन विस्तार, अर्थव्यवस्था आदि।
- स्वच्छता: हमें स्वच्छता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। हमें देश में स्वच्छता के लिए अधिक प्रयास करना चाहिए। हमें शौचालयों की व्यवस्था, सड़कों की सफाई, कूड़े-कचरे का निस्तारण आदि के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।
- सम्मान: हमें समाज में सभी लोगों के सम्मान के लिए काम करना चाहिए। हमें सभी लोगों के अधिकारों को समझना चाहिए और उन्हें समान रूप से समझना चाहिए। हमें महिलाओं, दलितों, आदिवासियों आदि के अधिकारों का समर्थन करना चाहिए।
- सुरक्षा: हमें देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। हमें सेना, पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के समर्थन के साथ साथ समय-समय पर उन्हें तकनीकी सुविधाओं से लैस करने की भी आवश्यकता है। हमें आतंकवाद, जासूसी, साइबर हमलों आदि से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
- विकास: हमें देश के विकास को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। हमें अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना चाहिए। हमें उच्च शिक्षा, उद्योग विकास, पर्यटन आदि के क्षेत्र में काम करना चाहिए।
- भारतीय संस्कृति को बचाना: हमें भारतीय संस्कृति को बचाने की आवश्यकता है। हमें हमारी संस्कृति के प्रति आदर और सम्मान रखना चाहिए।
- साथ-साथ इसे बचाने के लिए उनकी रक्षा करनी चाहिए। हमें हमारे संस्कृति के निरंतर विकास और संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। हमें भारतीय संस्कृति की रमणीयता, विविधता और सौंदर्य को संभालना चाहिए।
- स्वच्छता: हमें स्वच्छता का समर्थन करना चाहिए। हमें अपने आसपास की स्थानों को साफ रखना चाहिए। हमें गंदगी और प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए। हमें स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण को संरक्षित रखना चाहिए।
- पर्यावरण: हमें पर्यावरण के संरक्षण का समर्थन करना चाहिए। हमें जंगलों, नदियों, झीलों, समुद्रों आदि के संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। हमें विकास को पर्यावरण के संरक्षण से जुड़े होने की आवश्यकता है। हमें अपने आसपास के पर्यावरण की स्थिति का अध्ययन करना चाहिए और उसे सुधारने के लिए काम करना चाहिए।
- संविधान का समर्थन: हमें भारत के संविधान का समर्थन करना चाहिए। हमें अपने संविधान को समझना चाहिए।
- समानता: हमें समानता का समर्थन करना चाहिए। हमें सभी लोगों को समान रूप से देखना चाहिए और उन्हें बिना भेदभाव के सम्मान देना चाहिए। हमें किसी भी प्रकार के भेदभाव का विरोध करना चाहिए।
- समाजसेवा: हमें समाजसेवा का समर्थन करना चाहिए। हमें अपने समाज में सक्रिय भूमिका निभाना चाहिए। हमें जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। हमें बेहतर समाज के लिए काम करना चाहिए।
- स्वतंत्रता: हमें स्वतंत्रता का समर्थन करना चाहिए। हमें अपनी आजादी के लिए लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें अपने देश के लिए जुटना चाहिए और उसे बचाने के लिए जोर लगाना चाहिए।
- देशभक्ति: हमें देशभक्ति का समर्थन करना चाहिए। हमें अपने देश के प्रति वफादारी दिखानी चाहिए। हमें अपनी देशभक्ति के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें अपने देश के लिए जीवन का अर्पण करना चाहिए।
- आत्मनिर्भरता: हमें आत्मनिर्भरता का समर्थन करना चाहिए।
- संवेदनशीलता: हमें संवेदनशीलता का समर्थन करना चाहिए। हमें दूसरों के भावों को समझना चाहिए और उन्हें समझाना चाहिए। हमें अन्य लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
- अनुशासन: हमें अनुशासन का समर्थन करना चाहिए। हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए तैयार होना चाहिए। हमें समय पर काम करना चाहिए और अपने शब्दों और कार्यों के लिए उत्तम जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
- संगठनशक्ति: हमें संगठनशक्ति का समर्थन करना चाहिए। हमें एक समूह में काम करने की क्षमता होनी चाहिए और हमें एक दूसरे के साथ समन्वय में काम करना चाहिए। हमें अपने समूह के लिए लक्ष्य और उद्देश्य तय करने की क्षमता होनी चाहिए।
- आधुनिकीकरण: हमें आधुनिकीकरण का समर्थन करना चाहिए। हमें नवीनतम तकनीक का उपयोग करना चाहिए और नए विचारों और अवसरों के लिए खुले रहना चाहिए। हमें नए और संवेदनशील तरीकों से काम करना चाहिए।
- व्यक्तिगत विकास: हमें अपने व्यक्तिगत विकास का समर्थन करना चाहिए। हमें नए कौशल अधिग्रहण करने चाहिए और अपनी शिक्षा और प्रशिक्षण को लगातार जारी रखना चाहिए। हमें स्वस्थ रहना चाहिए और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
- स्वच्छता: हमें स्वच्छता का समर्थन करना चाहिए। हमें अपने आसपास के माहौल को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी होनी चाहिए। हमें स्वच्छ रहने के लिए अपने शरीर और वातावरण का ध्यान रखना चाहिए।
- सभ्यता: हमें सभ्यता का समर्थन करना चाहिए। हमें दूसरों के साथ विनम्रता से व्यवहार करना चाहिए और अपने आचरण में सभ्यता बनाए रखना चाहिए। हमें समाज के नियमों का पालन करना चाहिए और सामाजिक व नैतिक मूल्यों का सम्मान करना चाहिए।
- नैतिकता: हमें नैतिकता का समर्थन करना चाहिए। हमें सही और गलत के बीच अंतर समझना चाहिए और सही कार्यों को करना चाहिए। हमें नैतिक और आधारभूत मूल्यों का पालन करना चाहिए।
- न्याय: हमें न्याय का समर्थन करना चाहिए। हमें अपनी विचारधारा को समझाते हुए दूसरों की विचारधारा का सम्मान करना चाहिए। हमें न्यायपूर्ण और संवेदनशील व्यवहार करना चाहिए। हमें न्याय के मार्ग पर चलते हुए दूसरों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
- समरसता: हमें समरसता का समर्थन करना चाहिए। हमें दूसरों के साथ सहयोग करना चाहिए और समूह में एकता बनाए रखनी चाहिए। हमें समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए दूसरों के सुझावों का सम्मान करना चाहिए। हमें समूह में विभिन्नताओं का सम्मान करना चाहिए और समानता को बढ़ावा देना चाहिए।
- संवेदनशीलता: हमें संवेदनशीलता का समर्थन करना चाहिए। हमें दूसरों की भावनाओं का समझना चाहिए और उन्हें सम्मान देना चाहिए। हमें दूसरों के दुखों में सहानुभूति और उनकी खुशियों में उल्लास का साझा करना चाहिए।
- कारों को स्वतंत्रता के अंतर्गत चलाने का हक़ है। हमें स्वतंत्रता के लिए समर्थन करना चाहिए और दूसरों की स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए।
- स्वच्छता: हमें स्वच्छता का समर्थन करना चाहिए। हमें अपने आसपास के स्थानों को स्वच्छ रखना चाहिए। हमें अपने घरों में भी स्वच्छता की ज़रूरत होती है। हमें भारत को स्वच्छ बनाने का संकल्प लेना चाहिए।
- स्वदेशप्रेम: हमें स्वदेशप्रेम का समर्थन करना चाहिए। हमें अपने देश को सम्मान देना चाहिए और उसे बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार होना चाहिए। हमें अपने देश की विविधता को समझना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए।
- त्याग: हमें त्याग का समर्थन करना चाहिए। हमें आत्मसमर्पण के साथ काम करना चाहिए। हमें अपनी सुख-दुःखों से परे दूसरों के लिए कुछ करने के लिए तैयार होना चाहिए।
- अहिंसा: हमें अहिंसा का समर्थन करना चाहिए। हमें दूसरों को कभी नहीं चोट पहुंचाना चाहिए।
- आत्मनिर्भरता: हमें आत्मनिर्भरता का समर्थन करना चाहिए। हमें खुद के बचत और निवेश करने की क्षमता को विकसित करना चाहिए। हमें अपनी ताकतों का उपयोग करके अपने विकास को समर्थन करना चाहिए।
- समझदारी: हमें समझदारी का समर्थन करना चाहिए। हमें समझदार होकर अपने फैसलों को लेना चाहिए। हमें दूसरों की बातों को सुनना चाहिए और अपनी बात कहने से पहले सोचना चाहिए।
- धैर्य: हमें धैर्य का समर्थन करना चाहिए। हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। हमें समस्याओं का सामना करना चाहिए और उन्हें हल करने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार होना चाहिए।
- संवेदनशीलता: हमें संवेदनशीलता का समर्थन करना चाहिए। हमें दूसरों की भावनाओं को समझना चाहिए और उन्हें सम्मान देना चाहिए। हमें अपनी आसपास की समस्याओं को समझना चाहिए और उन्हें हल करने के लिए कुछ करना चाहिए।
- सदभाव: हमें सदभाव का समर्थन करना चाहिए। हमें सभी के साथ समझौता करना चाहिए।
- स्वस्थ रहना: हमें स्वस्थ रहने का समर्थन करना चाहिए। हमें अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत को बनाए रखने के लिए योगा, व्यायाम, मेडिटेशन और सही खानपान जैसी गतिविधियों को अपनाना चाहिए।
- समाज सेवा: हमें समाज सेवा का समर्थन करना चाहिए। हमें अपने समुदाय में सक्रिय होना चाहिए और सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए कुछ करना चाहिए।
- गंभीरता: हमें अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए। हमें अपनी जिम्मेदारियों को निर्भयता के साथ निभाना चाहिए और दूसरों की जिम्मेदारियों का भी समझना चाहिए।
- समय का सदुपयोग: हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए। हमें अपने समय का अच्छी तरह से प्रबंधन करना चाहिए और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समय का सही उपयोग करना चाहिए।
- सफलता के लिए वफादारी: हमें सफलता के लिए वफादारी का समर्थन करना चाहिए। हमें अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों के लिए प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए।
- व्यक्तिगत विकास: हमें अपने व्यक्तिगत विकास को समर्थन करना चाहिए। हमें अपने स्वयं के लिए समय निकालना चाहिए और उन गतिविधियों को अपनाना चाहिए जो हमें संतुलित और खुशहाल रखेंगी।
- स्वावलंबी: हमें स्वावलंबी होना चाहिए। हमें अपने जीवन में स्वतंत्र बनना चाहिए और अपनी जरूरतों के लिए स्वयं से समाधान निकालना चाहिए।
- सफाई: हमें स्वच्छता और स्वास्थ्य का समर्थन करना चाहिए। हमें अपनी संसार के लिए स्वच्छता बनाए रखना चाहिए और इसे अपनी जिम्मेदारी मानना चाहिए।
- नैतिकता: हमें नैतिकता का समर्थन करना चाहिए। हमें सभी लोगों के साथ सही तरीके से बर्ताव करना चाहिए और दूसरों के हित में कर्म करना चाहिए।
- समानता: हमें समानता का समर्थन करना चाहिए। हमें सभी लोगों के साथ समान रूप से बर्ताव करना चाहिए और समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए कुछ करना चाहिए।
- सशक्तीकरण: हमें सशक्तीकरण का समर्थन करना चाहिए।